सीएचसी में महिला डॉक्टर और टेक्नीशियन की कमी, 40 गांवों के

खानपुर, हरिद्वार। खानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में महिला चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन और एक्स-रे टेक्नीशियन की तैनाती न होने से 40 से अधिक गांवों के लोग परेशान हैं। सीएचसी में मौजूद सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं, जिससे ग्रामीणों को इलाज के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है।

महिला डॉक्टर की गैरमौजूदगी बनी समस्या


ग्रामीण मांगेराम, श्रवण कुमार और संदीप कुमार ने बताया कि महिलाएं, विशेषकर बच्चियां और शादीशुदा महिलाएं, महिला डॉक्टर से इलाज कराना चाहती हैं। लेकिन सीएचसी में महिला डॉक्टर की तैनाती न होने के कारण उन्हें लक्सर या प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है। इससे न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि आर्थिक रूप से भी ग्रामीणों पर बोझ बढ़ता है।

लैब और एक्स-रे टेक्नीशियन की भी कमी


सीएचसी में आधुनिक एक्स-रे मशीन और खून जांच के लिए लैब उपलब्ध हैं, लेकिन टेक्नीशियन न होने के कारण यह सुविधाएं उपयोग में नहीं लाई जा रही हैं। लक्सर सीएचसी से हफ्ते में तीन दिन टेक्नीशियन बुलाकर काम चलाया जा रहा है। ग्रामीण अजय चौधरी, परमजीत सिंह और विपुल कुमार ने कहा कि खानपुर जैसे पिछड़े ब्लॉक में यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है।

ग्रामीणों की मांग: जल्द नियुक्ति हो


ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार से सीएचसी में महिला डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन और एक्स-रे टेक्नीशियन की स्थायी नियुक्ति की मांग की है। उनका कहना है कि खानपुर सीएचसी को 24 घंटे चिकित्सा सेवा देने के लिए अपग्रेड किया गया था, लेकिन यह सेवा नाम मात्र की रह गई है।

खानपुर ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति खराब


हरिद्वार जिले के छह ब्लॉकों में खानपुर को सबसे पिछड़ा माना जाता है। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड कर सीएचसी बनाया गया, लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण इसका लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है।


ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। अगर समय पर डॉक्टर और टेक्नीशियन की स्थाई नियुक्ति नहीं हुई तो लोगों को इलाज के लिए और ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

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