“कुंभ 2021 में कोरोना जांच में हुआ था घोटाला! एक नंबर से सैकड़ों फर्जी टेस्ट, ईडी की चार्जशीट से खुला राज” - janwani express

हरिद्वार । 2021 में हरिद्वार कुंभ के दौरान हुए कोरोना टेस्ट घोटाले में अब बड़ा एक्शन हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूरे मामले में करोड़ों के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। जांच में सामने आया कि कई लैब्स ने एक ही मोबाइल नंबर, पते और फॉर्म का इस्तेमाल कर फर्जी नामों से कोविड टेस्ट दिखाए और सरकार से करोड़ों की पेमेंट उठाई। जांच में यह भी सामने आया है कि कई फर्जी रिपोर्ट जारी की गईं, जबकि टेस्ट कभी हुए ही नहीं।

ईडी की चार्जशीट के अनुसार, मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज समेत 14 लैब्स ने RT-PCR और एंटीजन टेस्ट के नाम पर फर्जी पहचान से नाम दर्ज किए और सरकार को ₹3 करोड़ से ज्यादा का बिल भेज दिया। एक ही नंबर से सैकड़ों नामों का पंजीकरण किया गया, जिनमें से कई लोग कुंभ में कभी आए ही नहीं थे। जांच में यह भी पाया गया कि इन लैब्स ने निगेटिव रिपोर्ट भेज कर सरकार को गुमराह भी किया था।

इस फर्जीवाड़े के कारण कुंभ में कोविड पॉजिटिविटी रेट मात्र 0.18% दर्ज की गई, जबकि असली आंकड़ा करीब 5% के आसपास था। इससे महामारी के फैलाव को रोकने की बजाय उसका खतरा और बढ़ गया। फर्जी रिपोर्टों के चलते हज़ारों लोगों की जान खतरे में पड़ गई। इन गलत आंकड़ों ने न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था को धोखा दिया, बल्कि महामारी की गंभीरता को भी छिपा दिया।

प्रवर्तन निदेशालय ने इस केस में देहरादून, दिल्ली, नोएडा और हिसार में लैब संचालकों के ठिकानों पर छापे मारे, जिसमें लाखों की नकदी और दस्तावेज़ बरामद हुए है। ईडी ने यह स्पष्ट किया कि यह सिर्फ़ कोविड टेस्ट घोटाला नहीं, बल्कि एक बड़ा मनी लॉन्ड्रिंग केस भी है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी पैसों की लूट की गई।

अब जब ईडी ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है और कोर्ट ने इसका संज्ञान ले लिया है, तो 24 जून को अगली सुनवाई में इस केस में आगे की बड़ी कार्रवाई की उम्मीद है। अब सवाल ये है कि क्या इतनी बड़ी लापरवाही और साजिश को अंजाम देने वाले दोषियों को कड़ी सज़ा मिलेगी या मामला फाइलों में दब जाएगा? जनता की नजरें अब कोर्ट की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

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