लक्सर/हरिद्वार। गंगा और सहायक नदियों के उफान ने लक्सर और खानपुर में भारी नुकसान पहुंचा दिया है। खेत पानी में डूब गए जिससे फसलों का नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है और कई गांवों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। इस बीच बाढ़ में बच्चों की असमय मौतों ने पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है।
इन गंभीर हालातों के बीच वरिष्ठ समाजसेवी प्रमोद खारी ने सोमवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से मुलाकात की। उन्होंने क्षेत्र में बाढ़ के नुकसान पर चर्चा करते हुए ज्ञापन सौंपा और लक्सर-खानपुर को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग रखी। खारी ने कहा कि पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवजा, आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। साथ ही, भविष्य में ऐसी आपदा से बचाव के लिए मजबूत तटबंध और बेहतर जल निकासी व्यवस्था जरूरी है।
उन्होंने कहा—
“संकट की इस घड़ी में सरकार और प्रशासन को मजबूती से पीड़ितों के साथ खड़ा होना चाहिए। हम जनता के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।”
फिलहाल बाढ़ से दर्जनों गांव प्रभावित हैं, लोगों का कहना है कि अगर समय रहते स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, तो यह तबाही हर साल दोहराई जाएगी।