काठा पीर मेले में श्रद्धा पर मनमानी का ग्रहण - janwani express

हरिद्वार। लक्सर क्षेत्र के पथरी जंगल में स्थित ऐतिहासिक काठा पीर दरगाह पर लगने वाला मेला इस बार विवादों में घिर गया है। मंगलवार को सैकड़ों दुकानदारों ने मेले में दुकान लगाने के नाम पर ठेकेदार द्वारा की जा रही कथित अवैध वसूली के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। दुकानदारों का आरोप है कि पिछले वर्ष जहां प्रति फुट के हिसाब से 150 से 300 रुपये लिए गए थे, वहीं इस बार ठेकेदार द्वारा 700 से 1000 रुपये प्रति फुट की मांग की जा रही है।

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व्यापारियों आरोप लगाते हुए बताया कि जो दुकानदार इस राशि को देने में असमर्थ हैं, उन्हें न केवल दुकान लगाने से रोका जा रहा है बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया जा रहा है। वहीं कुछ दुकानदारों को जबरन मेले से बाहर भी कर दिया गया। कई वर्षों से मेला लगाते आ रहे पुराने दुकानदारों ने भी बताया कि इस बार उन्हें उनकी तय जगह नहीं दी गई, जबकि नए दुकानदारों से अधिक पैसा वसूलकर उन्हें प्राथमिकता दी गई है।

दुकानदारों का कहना है कि मेला आस्था से जुड़ा है, लेकिन इस बार उसे सिर्फ कमाई का माध्यम बना दिया गया है। इसी नाराजगी में व्यापारियों ने एकजुट होकर मेला ठेकेदार के खिलाफ नारेबाजी की और प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि दुकानों के आवंटन की कोई पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई और पूरी व्यवस्था पक्षपातपूर्ण तरीके से चलाई जा रही है।

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दरगाह से जुड़े खादीमों ने भी इस पूरे मामले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार की मनमानी से सिर्फ दुकानदारों को नहीं, बल्कि दरगाह की गरिमा और श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है। खादीमों का कहना है कि यह मेला पिछले साढ़े आठ सौ वर्षों से परंपरा और सद्भाव का प्रतीक रहा है, लेकिन इस बार इसे पूरी तरह अव्यवस्थित एवं व्यवसायिक बना दिया गया है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन इस मामले में गंभीरता दिखाता है या यह मुद्दा भी समय के साथ ठंडा पड़ जाएगा। दुकानदारों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, वे शांत नहीं बैठेंगे और विरोध जारी रहेगा।

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