ब्यूरो। खटीमा में एक व्यापारी के खाते से बिना किसी OTP और SMS के करीब 5 लाख 95 हजार रुपये गायब हो गए। मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित व्यापारी खुद बैंक पहुंचा और खाते की जांच करवाई। पुलिस ने मामले में अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, संतोष गुप्ता, निवासी वार्ड 14 टनकपुर रोड,खटीमा, ओम ट्रेडर्स के मालिक हैं। उन्होंने खटीमा कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उनका बंधन बैंक में खाता है। 21 मार्च 2025 को उनके खाते में एक ऑनलाइन लेनदेन हुआ, लेकिन उन्हें मोबाइल पर कोई मैसेज या OTP नहीं मिला।
पीड़ित ने बताया कि उन्हें शक हुआ और वे सीधे बैंक पहुंचे। बैंक की जांच में खुलासा हुआ कि 13 मार्च से लगातार उनके खाते से पैसे निकाले जा रहे थे। कुल मिलाकर 5.95 लाख रुपये निकाल लिए गए। सबसे हैरानी की बात यह रही कि इस पूरी प्रक्रिया में पीड़ित के मोबाइल पर कोई OTP या लेनदेन का संदेश तक नहीं आया।
ओटीपी और मैसेज न आने के बावजूद कैसे होती है साइबर ठगी?
साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऐसे मामलों में ठग पहले किसी तरह ग्राहक के बैंक डिटेल्स, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी जुटा लेते हैं। इसके बाद वे मोबाइल नंबर को क्लोन सिम या फिशिंग के जरिए कंट्रोल में ले लेते हैं। जैसे ही सिम क्लोन हो जाती है, ओटीपी और मैसेज उनके पास पहुंचने लगते हैं, असली ग्राहक के पास नहीं।
इसके अलावा कुछ मामलों में नेट बैंकिंग के जरिए ट्रांजेक्शन करने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स और ब्राउज़िंग ट्रिक्स का इस्तेमाल कर OTP को बायपास किया जाता है। पीड़ित को तब तक कुछ पता नहीं चलता जब तक खाता पूरी तरह खाली न हो जाए।
क्या करें ताकि आप साइबर ठगी के शिकार न बनें?
- अपने मोबाइल नंबर को कभी भी सार्वजनिक जगह या फॉर्म पर लापरवाही से न दें।
- बैंक से जुड़ी कोई भी जानकारी फोन, मैसेज या लिंक के जरिए किसी को न दें।
- अगर बैंक से SMS या OTP आना बंद हो जाए तो तुरंत बैंक और टेलीकॉम कंपनी से संपर्क करें।
- अपने खाते की नियमित जांच करते रहें और संदेह होने पर तुरंत बैंक से संपर्क करें।
- साइबर क्राइम की शिकायत के लिए 1930 पर कॉल करें या https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।