नगर पंचायत सुल्तानपुर में आगामी चुनावों के लिए अध्यक्ष पद ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया है। इस निर्णय के बाद कई स्थानीय राजनेताओं ने किसी वश खुद का पर्चा न भरे जाने के कारण परिवार की महिलाओं या अन्य सदस्यों को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान इन महिला उम्मीदवारों व सदस्यों की तस्वीरें होर्डिंग्स, पोस्टरों और बैनरों से गायब हैं, जबकि उनके पति या परिवार के पुरुष सदस्यों की तस्वीरें प्रमुखता से प्रदर्शित की जा रही हैं।
इस स्थिति से नगरवासियों में कई सवाल उठ रहे हैं। उनका मानना है कि यदि महिला अध्यक्ष निर्वाचित होती हैं, तो वे अपनी अध्यक्ष को पहचान कैसे पाएंगे। साथ ही, यह चिंता भी व्यक्त की जा रही है कि कहीं ये महिला अध्यक्ष अपने परिवार के पुरुष सदस्यों की कठपुतली बनकर तो नहीं रह जाएंगी। पर्दे की इस प्रथा के चलते विकास कार्यों की संभावनाओं पर भी प्रश्नचिह्न लग रहे हैं।
चुनाव प्रचार में कांग्रेस उम्मीदवार ‘ बहू’ गायब, ‘ससुर’ का जलवा!
नगर पंचायत सुल्तानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी के नाम और पहचान पर भी सवाल उठ रहे हैं। चुनाव आवेदन में कांग्रेस से साबिया का पर्चा दाखिल हुआ था और उन्हें ही हाथ का पंजा चुनाव चिन्ह मिला है । चुनाव प्रचार सामग्री में प्रत्याशी का चेहरा और नाम कहीं नजर नहीं आ रहा, जबकि उनके ससुर ताहिर हसन का फोटो हर पोस्टर और बैनर पर प्रमुखता से छाया हुआ है। स्थानीय जनता में इस पर चर्चा तेज है कि आखिर महिला उम्मीदवार कहां हैं और क्यों उन्हें सामने नहीं लाया जा रहा।

अन्य उम्मीदवारो की भी यही स्थिति
सुल्तानपुर नगर पंचायत चुनाव में प्रचार में ही यह नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। कई प्रत्याशियों के नामांकन उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं, लेकिन प्रचार सामग्री में उनकी तस्वीरें कहीं नजर नहीं आ रही हैं। इसके बजाय, पोस्टरों और बैनरों पर उनके पति, ससुर, या अन्य परिवार के सदस्यों की तस्वीरें छाई हुई हैं। यह स्थिति नगरवासियों के बीच भ्रम पैदा कर रही है कि असली उम्मीदवार कौन है और चुनाव के बाद नेतृत्व किसके हाथ में होगा। इन सब कारनामों के बाद चुनाव आयोग की स्थिति भी सवालों के घेरे में है, अब सवाल यह बनता है कि क्या यह कानून सम्मत सही है अगर नहीं तो चुनाव आयोग इस पर कोई शख्त एक्शन क्यों नहीं ले रहा?

सभासद महिला उम्मीदवारो की भी यही स्थिति
यही हाल सभासद के लिए आरक्षित महिला वार्डो को लेकर भी स्थिति है हालांकि, वार्ड नंबर 7 से सभासद प्रत्याशी शहराज भारती ने इस प्रथा को तोड़ते हुए अपने प्रचार सामग्री में स्वयं की तस्वीरें शामिल की हैं। उनके पति एडवोकेट परवेज़ भारती प्रचार में सक्रिय भूमिका निभा रहे है जिससे वे नगरवासियों के बीच अपनी पहचान बना रही हैं।

नगर पंचायत सुल्तानपुर में विकास कार्यों को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन महिला उम्मीदवारों की पहचान छिपाने की यह प्रथा विकास की उम्मीदों पर पानी फेर सकती है। नगरवासी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पर्दे के पीछे रहने वाले अध्यक्ष से वे किस प्रकार विकास की अपेक्षा कर सकते हैं।