लक्सर। खानपुर और लक्सर ब्लॉक की सैकड़ों भोजन माताओं ने मंगलवार को लक्सर तहसील में धरना प्रदर्शन किया। यह आंदोलन राष्ट्रीय मध्याहन भोजन रसोइया एकता मंच (ट्रस्ट) के बैनर तले हुआ, जिसमें सरकारी स्कूलों मे भोजन बनाने वाली रसोइयों ने सरकार से जीने लायक वेतन, सुरक्षा और सम्मान की मांग की। आंदोलन के बाद एसडीएम लक्सर को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें कुल दस प्रमुख मांगों को रखा गया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष काजल कटारिया ने बताया कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात भोजन माताओं को सिर्फ तीन हज़ार रुपए मासिक मानदेय दिया जा रहा है, जिससे किसी भी महिला का घर चलाना बेहद कठिन है। उन्होंने कहा कि रसोइयों से खाना पकवाने के साथ-साथ झाड़ू लगवाना, टॉयलेट साफ करवाना और घास कटवाना जैसे काम भी कराए जा रहे हैं, जो पूरी तरह अमानवीय हैं।
धरने में शामिल रसोइयों ने मांग की कि मानदेय को ₹10,000 प्रति माह किया जाए, स्कूल में दुर्घटना की स्थिति में बीमा और इलाज की सुविधा दी जाए, निष्कासित रसोइयों की बहाली की जाए और जून की छुट्टियों में काम का पूरा भुगतान मिले। साथ ही यह भी मांग की गई कि उन्हें किसी राजनीतिक या सामाजिक दबाव में न हटाया जाए और 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

📌 रसोइयों की 10 अहम मांगें इस प्रकार हैं:
- जून की छुट्टियों में काम करने का पूरा भुगतान मिले।
- निष्कासित रसोइयों को दोबारा स्कूल में बहाल किया जाए।
- मानदेय में देरी न हो, हर महीने की पहली तारीख को बैंक खाते में भेजा जाए।
- MDM योजना को ठेकेदारी से मुक्त किया जाए।
- कार्यस्थल पर दुर्घटना होने पर इलाज और ₹5 लाख का बीमा मिले।
- महंगाई के अनुरूप मानदेय ₹10,000 प्रति माह किया जाए।
- रसोइयों की वेशभूषा निर्धारित की जाए।
- राजनीतिक या सामाजिक दबाव में रसोइयों को हटाया न जाए।
- 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन सुविधा मिले।
- सभी रसोइयों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
अंत में अध्यक्ष ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर इन मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो राज्य स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, “भोजन माताएं सिर्फ स्कूल में खाना नहीं पकातीं, बल्कि देश का भविष्य गढ़ रही हैं।”
इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष काजल कटारिया, जिला अध्यक्ष अनीता देवी, जिला उपाध्यक्ष ममता देवी, जिला सचिव रेखा देवी, ब्लॉक अध्यक्ष शोभा देवा, सरल, कविता, अनीशा, नूर जहां, पूनम, प्रवेश, किला देवी आदि सैकड़ों महिला मौजूद रही।