वक्फ संशोधन कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई, कई राज्यों ने जताई आपत्ति - janwani express

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज (गुरुवार) वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की वैधता को लेकर अहम सुनवाई होने जा रही है। देश के कई राज्यों और संगठनों ने इस कानून को संविधान विरोधी बताते हुए चुनौती दी है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस आगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच करेगी।

इससे पहले यह मामला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच के पास था, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

क्या है पूरा मामला?
वक्फ संशोधन कानून 2025 को हाल ही में संसद से पारित किया गया है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों पर कई राज्यों और सामाजिक संगठनों ने सवाल उठाए हैं। खासतौर पर ‘वक्फ बाय यूजर’ (जहां लंबे समय से वक्फ संपत्ति के रूप में उपयोग हो रहा है) को लेकर चिंता जताई गई है।

केंद्र सरकार का पक्ष
केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा है कि यह कानून पूरी तरह संवैधानिक प्रक्रिया के तहत पास हुआ है, इसलिए इसके किसी भी प्रावधान पर कोर्ट को रोक नहीं लगानी चाहिए। साथ ही, केंद्र ने वक्फ बाय यूजर की अधिसूचना रद्द करने पर अंतरिम रोक के प्रस्ताव का भी विरोध किया है।

पहले दिए गए आश्वासन
17 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि वह पांच मई तक वक्फ संपत्तियों की अधिसूचना नहीं करेगी और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद या राज्य बोर्डों में कोई नई नियुक्ति की जाएगी।

सरकार का हलफनामा
25 अप्रैल को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कोर्ट में 1332 पन्नों का प्रारंभिक हलफनामा दाखिल करते हुए संशोधन कानून का समर्थन किया और कहा कि संसद से पास किसी कानून पर संपूर्ण रोक नहीं लगाई जा सकती।

अब नजरें सुप्रीम कोर्ट की आज की सुनवाई पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि इस कानून को लेकर आगे क्या दिशा तय होती है।

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