संभल जामा मस्जिद पर सर्वे के दौरान हिंसा: पथराव, आगजनी और तीन लोगों की मौत से माहौल तनावपूर्ण - janwani express

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद पर रविवार को हुए सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी। सर्वे के विरोध में जुटी भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और 10 से अधिक वाहनों में आग लगा दी। घटना के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

रविवार सुबह संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई और कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में सर्वेक्षण टीम जामा मस्जिद पहुंची। टीम ने मस्जिद के अंदर विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण शुरू किया। स्थानीय लोगों को जब सर्वे की जानकारी मिली तो मुस्लिम समुदाय के हजारों लोग मस्जिद के बाहर जमा हो गए और विरोध जताने लगे।

मुस्लिम समुदाय ने छुट्टी के दिन सुबह-सुबह सर्वे कराए जाने पर आपत्ति जताई। जल्द ही विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। नाराज भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पथराव में एसपी के पीआरओ समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके बाद भीड़ ने सड़क पर आगजनी कर दी, जिससे स्थिति और खराब हो गई।

पुलिस की कार्रवाई

हालात को काबू में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने जामा मस्जिद के चारों ओर बैरिकेडिंग कर इलाके को सील कर दिया है। डीएम और एसपी समेत जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।

जामा मस्जिद विवाद का मामला

हिंदू पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद पहले हरिहर मंदिर थी। इस संबंध में अदालत में वाद दायर किया गया है। न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया। मंगलवार को भी मस्जिद में दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी हुई थी। कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश करेंगे।

सोशल मीडिया पर निगरानी

पुलिस सोशल मीडिया पर विवादित और भड़काऊ पोस्ट्स पर नजर रख रही है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी ताकि माहौल शांत रहे।

इलाके में तनावपूर्ण माहौल

घटना के बाद संभल में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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गुलशन आजाद, एक युवा पत्रकार है। जो अपराध एवं राजनितिक समेत समायिकी मुद्दो पर बिट करते है, पिछले 5 वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में अपने योगदान से समाज को जागरूक करने में सक्रिय रहे हैं।

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