हरिद्वार: उत्तराखंड सरकार की ओर से दिवंगत पत्रकारों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। सोमवार को हरिद्वार में आयोजित एक समारोह में पत्रकार कल्याण कोष (कार्पस फंड) के तहत दिवंगत पत्रकार दीपक नेगी के परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
यह सहायता उत्तराखंड पत्रकार कल्याण कोष के सदस्य श्री त्रिलोक चंद्र भट्ट, श्रीमती सुदेश आर्य और जिला सूचना अधिकारी हरिद्वार के प्रतिनिधि द्वारा श्रीमती आशा, पत्नी स्वर्गीय दीपक नेगी, संवाददाता, राष्ट्रीय सहारा हरिद्वार को सौंपी गई।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिनिधियों ने कहा कि दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को सहायता प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यह पत्रकारों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और उनके परिवारों के लिए किए जा रहे प्रयासों को दर्शाता है।
दीपक नेगी का योगदान और उनके परिवार की कठिनाइयां
स्वर्गीय दीपक नेगी उत्तराखंड के जाने-माने पत्रकार थे और लंबे समय से राष्ट्रीय सहारा हरिद्वार में संवाददाता के रूप में कार्यरत थे। अपनी ईमानदार पत्रकारिता और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए दीपक नेगी को पूरे राज्य में सम्मानित दृष्टि से देखा जाता था।
उनकी असामयिक मृत्यु ने न केवल पत्रकारिता जगत में बल्कि उनके परिवार में भी गहरा शोक उत्पन्न किया। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई थी। ऐसे में यह आर्थिक सहायता उनके परिवार के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है।
सरकार के प्रति आभार व्यक्त
आर्थिक सहायता प्राप्त करने के बाद, श्रीमती आशा ने उत्तराखंड सरकार और पत्रकार कल्याण कोष के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह सहायता हमारे परिवार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं उत्तराखंड सरकार को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने हमारे दर्द और मुश्किलों को समझा और हमें यह सहायता प्रदान की।”
पत्रकार कल्याण कोष: पत्रकारों की सुरक्षा के लिए अहम कदम
उत्तराखंड पत्रकार कल्याण कोष पत्रकारों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह कोष उन पत्रकारों के परिवारों को सहायता प्रदान करता है, जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए या अन्य परिस्थितियों में दिवंगत हो जाते हैं।
पत्रकारों को पेशेवर जोखिमों के चलते कई बार अप्रत्याशित घटनाओं का सामना करना पड़ता है। पत्रकार कल्याण कोष उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और उनके जीवन को संवारने का एक जरिया है।
स्थानीय पत्रकारों की प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद, हरिद्वार और अन्य जिलों के पत्रकारों ने इस पहल की सराहना की। कई पत्रकारों ने कहा कि यह कदम राज्य सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है और इससे पत्रकारों को उनके कार्य के प्रति और अधिक निष्ठा के साथ काम करने का प्रोत्साहन मिलेगा।
हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार रामेश्वर तिवारी ने कहा, “पत्रकार कल्याण कोष के माध्यम से सरकार ने एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। यह पहल राज्य के अन्य पत्रकारों के लिए भी प्रेरणा है।”
उत्तराखंड सरकार की अन्य योजनाएं
उत्तराखंड सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए कई अन्य योजनाएं भी चलाई हैं। इनमें चिकित्सा सहायता, बीमा योजनाएं और पत्रकारों के बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता शामिल है।
इस संबंध में राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हम पत्रकारों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पत्रकार हमारे समाज की रीढ़ हैं, और उनका कल्याण हमारी प्राथमिकता है।”