उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में नंदगंज थाने में चंदौली के तत्कालीन एसपी अमित कुमार द्वितीय (IPS) समेत 18 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। FIR मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) स्वप्न आनंद की अदालत के आदेश पर दर्ज की गई है। इन पुलिसकर्मियों पर दंगा, सरकारीकर्मी द्वारा कानून न मानना, अवैध हिरासत, अपहरण, वसूली और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
कौन है शिकायतकर्ता?
शिकायतकर्ता बर्खास्त हेड कांस्टेबल अनिल सिंह हैं, जो वाराणसी के भुल्लनपुर इलाके के निवासी हैं। अनिल सिंह ने 2022 में CJM कोर्ट में याचिका दायर कर चंदौली पुलिस पर भ्रष्टाचार और उनके खिलाफ साजिश का आरोप लगाया था। उनका कहना है कि उन्होंने पुलिसकर्मियों द्वारा जनता से हर महीने 12.50 लाख रुपये वसूलने का खुलासा किया था, जिसके बाद उन्हें 28 फरवरी 2021 को बर्खास्त कर दिया गया।
अपहरण और हत्या की कोशिश के आरोप
अनिल सिंह का आरोप है कि बर्खास्तगी के बाद चंदौली पुलिस ने उन्हें निशाना बनाया। 5 सितंबर 2021 को, सादे कपड़ों में पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उनके गाजीपुर स्थित ससुराल से उनका अपहरण कर लिया। इस दौरान उन्होंने उनकी हत्या करने की कोशिश भी की। दो दिन तक अवैध हिरासत में रखने के बाद फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें झूठे मामले में फंसा दिया गया।
बेटी की सूचना से बची जान
अपहरण के दौरान अनिल सिंह की बेटी ने डायल 112 और नंदगंज थाने को सूचना दी। इससे उनकी जान तो बच गई, लेकिन उन्हें हिरासत में लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और बाद में मुकदमे में फंसा दिया गया। अनिल सिंह ने इस मामले में स्थानीय पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिसकर्मियों के उच्चाधिकारियों के प्रभाव में होने के कारण केस दर्ज नहीं हुआ।
कोर्ट से मिला न्याय
स्थानीय पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने के बाद, अनिल सिंह ने कोर्ट का रुख किया। CJM कोर्ट ने 21 सितंबर 2024 को FIR दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज करने में देरी की, जिससे अनिल सिंह हाईकोर्ट पहुंचे और अवमानना याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने 28 नवंबर 2024 से पहले FIR दर्ज करने का आदेश दिया। आखिरकार, 27 नवंबर की रात को नंदगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
आगे की जांच जारी
अब नंदगंज पुलिस मामले की विवेचना करेगी। FIR में नामजद आरोपियों में पूर्व एसपी, इंस्पेक्टर और कांस्टेबल समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हैं। इस मामले से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है और आगे की जांच पर सबकी नजरें टिकी हैं।