पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक हेंडल पर एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाला है। ट्रंप ने यह कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करके परमाणु युद्ध टाल दिया। लेकिन रावत का कहना है कि भारत की नीति साफ है – पाकिस्तान से कोई भी विवाद केवल द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझेगा।
रावत ने कहा कि अगर ट्रंप की बातचीत के बाद ही युद्धविराम हुआ, तो इसका मतलब है कि यह रोक उस समय लगी जब भारतीय सेना पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को खत्म करने की स्थिति में थी। ऐसे समय में युद्ध को रोकना भारत की रणनीति को कमजोर करता है और पाकिस्तान को फायदा पहुंचाता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का लक्ष्य साफ था – पाकिस्तान को सबक सिखाना, आतंकवाद को जड़ से खत्म करना और पीओके को भारत में मिलाना। भारत इन लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ रहा था, लेकिन युद्धविराम ने इस अभियान को अधूरा छोड़ दिया।
रावत का मानना है कि इस युद्धविराम से पाकिस्तान को बहुत बड़ी राहत मिली है। अब उसके पास समय है कि वह चीन से आधुनिक हथियार और तुर्की से उन्नत ड्रोन हासिल कर सके। यह आने वाले समय में भारत के लिए चुनौती बन सकते हैं।
चीन के नए लड़ाकू विमान भारत के लिए खतरा
रावत ने चीन के नए पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान के जरिए इन विमानों की युद्ध क्षमता का परीक्षण करना चाहेगा। यह भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है। रावत ने चेताया कि भारत को अगली लड़ाई अब चार ताकतों से लड़नी होगी – पाकिस्तान, तुर्की, चीन और आतंकवाद। ऐसे में हमें अभी से ही युद्ध की अगली रणनीति के लिए तैयार रहना होगा।
अंत में हरीश रावत ने देशवासियों से एकजुटता की अपील की। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए हर नागरिक को तैयार रहना होगा, क्योंकि आने वाला समय काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।