हरिद्वार: जिलाधिकारी कमेन्द्र सिंह ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत हरिद्वार के रावली महदूद और मीनाक्षीपुरम क्षेत्रों में पेयजल योजना का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कों की स्थिति का जायजा लिया और संबंधित विभागों को समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि पाइपलाइन डालने के दौरान तोड़ी गई सड़कों को तत्काल मरम्मत किया जाए। उन्होंने ग्रामीणों की पेयजल समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर 10 से 12 दिनों में हल करने का निर्देश दिया।
शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई के दिए निर्देश
ग्रामवासियों और ग्राम प्रधानों ने जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत की कि कई स्थानों पर नल नहीं लगाए गए हैं और कुछ जगहों पर पानी की लाइन में लीकेज की समस्या है। इसके अतिरिक्त, पुरानी पाइपलाइनें बंद करने में हो रही देरी पर भी सवाल उठाए गए। जिलाधिकारी ने इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल जीवन मिशन की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए।
जिलाधिकारी ने अभियंताओं को चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा,
“यह भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, और इसकी सफलता में गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखना होगा।”
कमेंद्र सिंह, जिलाधिकारी हरिद्वार ।
जल जीवन मिशन की प्रगति: दो टंकियों और 45 किलोमीटर पाइपलाइन का निर्माण
इस अवसर पर ईई सिविल राजेश गुप्ता ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत 1950 किलोलीटर और 800 किलोलीटर क्षमता वाली दो पानी की टंकियों का निर्माण पूरा हो चुका है। अब तक 45 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है और 4000 से अधिक घरों में कनेक्शन दिए गए हैं।
ईई गुप्ता ने कहा,
“घरों में कनेक्शन और पाइपलाइन डालने का काम तेज़ी से प्रगति पर है। हमारी टीम गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
निरीक्षण के दौरान ईई (ईएनएम) चारु अग्रवाल, एई (ईएनएम) राजीव सैनी, जेई (ईएनएम) रोहित चौहान, और जेई (ईएनएम) वर्षा विष्ट सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।