गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के स्थान चयन को लेकर हरिद्वार में अहम बैठक संपन्न, स्थलीय निरीक्षण भी किया गया। - janwani express

हरिद्वार, (फुरकान अंसारी)
गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के स्थान चयन को लेकर सोमवार को हरिद्वार के मायापुर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी अतिथि गृह में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का नेतृत्व भारत सरकार के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अवर सचिव सुनील कुमार ने किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के संबंधित अधिकारियों के साथ गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी समिति के पदाधिकारियों ने चर्चा की।

स्थानों के निरीक्षण पर हुई चर्चा

बैठक में ज्ञान गोदड़ी के लिए संभावित स्थानों का चयन और निरीक्षण मुख्य विषय रहा। इसके तहत समिति के पदाधिकारियों और दोनों राज्यों के अधिकारियों ने सज्जनपुर पीली, श्यामपुर कांगड़ी, और सिंचाई विभाग की वर्ल्ड बैंक गेस्ट हाउस कॉलोनी जैसे स्थानों का निरीक्षण किया।

गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी समिति के सुझावों पर भी गंभीरता से विचार किया गया। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग और हरिद्वार जिला प्रशासन के अधिकारियों ने समिति द्वारा सुझाए गए स्थलों का निरीक्षण किया और उनकी संभावनाओं का आकलन किया।

बैठक में उपस्थित महत्वपूर्ण व्यक्ति

इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी समिति के प्रमुख सदस्य मौजूद थे, जिनमें शामिल थे:

हरजीत सिंह दुआ (अध्यक्ष, ज्ञान गोदड़ी समिति)

संत जगजीत सिंह

गजेंद्र जीत सिंह (सचिव, ज्ञान गोदड़ी समिति)

पीएल शाह (एडीएम, हरिद्वार)

अजयवीर सिंह (एसडीएम, हरिद्वार)

अविनाश भदौरिया (जिला प्रोबेशन अधिकारी)

मंजू डैनी (अभिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग उत्तराखंड)

हरिओम सिंह (एसडीओ, सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश)

प्रियंका रानी (तहसीलदार, हरिद्वार)

इसके अतिरिक्त, तहसील हरिद्वार के अन्य कर्मचारी भी बैठक में उपस्थित रहे।

यह रही स्थानीय प्रशासन की भूमिका

स्थानों के निरीक्षण के दौरान जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने सुझाव दिया कि स्थल चयन में सभी संबंधित पक्षों की सहमति और उनकी आवश्यकता का ध्यान रखा जाएगा। बैठक में यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई कि ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा के स्थान का चयन ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए किया जाए।

गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी का क्या है ऐतिहासिक महत्व

गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी सिख धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। यह स्थल न केवल एक पूजा स्थल है, बल्कि हरिद्वार में सिख समुदाय के इतिहास और योगदान का प्रतीक भी है। ऐसे में इसके स्थान चयन पर व्यापक सहमति बनाना अत्यंत आवश्यक है।

हरिद्वार में आयोजित इस बैठक और स्थलीय निरीक्षण के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के स्थान चयन की प्रक्रिया को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। दोनों राज्यों के प्रशासन और समिति के बीच तालमेल स्थापित होने से सिख समुदाय की इस महत्वपूर्ण मांग को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

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